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ओपल क्या हैं? ओपल शब्द की उत्पत्ति लैटिन शब्द ओपलस और यूनानी शब्द ओपैलियस से हुई हैं। ओपल को दूधिया पत्थर भी कहा जाता हैं, जो बहुत कम तापमान पर किसी भी प्रकार के चट्टान की दरारों में जमा हो जात...
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ओपल क्या हैं?
ओपल शब्द की उत्पत्ति लैटिन शब्द ओपलस और यूनानी शब्द ओपैलियस से हुई हैं। ओपल को दूधिया पत्थर भी कहा जाता हैं, जो बहुत कम तापमान पर किसी भी प्रकार के चट्टान की दरारों में जमा हो जाता हैं, आमतौर पर देखा जाता हैं कि चूना पत्थर, बलुआ पत्थर, आग्नेय चट्टान मार्ल और बेसाल्ट के बीच यह पाया जाता है।
ओपल रत्न शुक्र ग्रह का एक शानदार रत्न है। जीवन को लग्जरी से भर देने में मददगार इस रत्न से बनी अंगूठी को धारण करने के बाद जीवन में प्यार और खुशी का आगमन होता है, वैवाहिक जीवन में पति-पत्नी के बीच मधुर सम्बन्ध स्थापित करने का काम यह रत्न करता है, तथा प्रेम संबंधों को और अधिक मजबूती प्रदान करने का काम भी यह रत्न करता है। रिश्तों में एकता लाने के लिए यह रत्न बहुत ही लाभदायक होता है। वैदिक ज्योतिष के अनुसार ये रत्न उद्योग, मॉडलिंग, आकर्षण, ग्लैमर, रोमांस, ललित कला, फैशन उद्योग, और सिनेमा का प्रतिनिधित्व करता है। ओपल जीवन को लग्जरी से भर देने में मदद करता है।
रत्न नाम: | ओपल रतन |
रत्न: | 5.25- 6.25 रत्ती |
सर्टिफिकेट: | ICGTL Lab जयपुर सर्टिफिकेट |
पश्चिम ज्योतिष के अनुसार ओपल वृषभ राशि का बर्थस्टोन है। जबकि वैदिक ज्योतिष इसे शुक्र (वीनस) ग्रह को मजबूती देने वाला रत्न मानता है। यह वृषभ और तुला (लिब्रा) राशि से संबंधित है। इसलिए शुक्र के अच्छे प्रभावों के लिए ओपल पहनना चाहिए। शुक्र के रत्न ओपल को धारण करने से सेहत को भी कई फायदे होते हैं।
ओपल शुक्र ग्रह का रत्न है और शुक्र ग्रह वृषभ राशि का अधिपति ग्रह है, इसलिए वृषभ राशि के जातकों के लिए ओपल रत्न धारण करना सबसे लाभकारक माना गया है। अगर कुंडली में शुक्र कमजोर है तो शुक्र को मजबूत करने के लिए ही ओपल रत्न धारण किया जाता है।अगर कुंडली में शुक्र बलशाली होने के बाद भी शुभ फल नहीं दे रहे हैं, तो ऐसी स्थिति में शुक्र को मजबूत करने के लिए ही ओपल रत्न से बनी अंगूठी धारण की जाती है। नेम और फेम पाने के लिए ओपल से बनी अंगूठी जरुर धारण करनी चाहिए।
ओपल रत्न शुक्रवार के दिन सुबह या शुक्र की होरा में सीधे हाथ की तर्जनी अंगूली में धारण करना सबसे उत्तम माना गया है। इसे धारण करते हुए शुक्र का मंत्र ॐ शुं शुक्राय नम: का 108 बार जाप जरुर करे।
ओपल रत्न की अंगूठी को हमारे अनुभवी और विद्वान ज्योतिषाचार्यों द्वारा विधिपूर्वक अभिमंत्रित करने के बाद ही आपके पास भेजा जाएगा, ऐसा करने से आपको इस रत्न के शुभ फल शीघ्र ही मिलते है। इस रत्न के साथ आपको एक सर्टिफिकेट भी दिया जाएगा जो इस रत्न के ओरिजनल होने का प्रमाण है।
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