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6 Mukhi Rudraksha

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6 मुखी रुद्राक्ष भगवान शिव के पुत्र कार्तिकेय का ही स्वरुप है। वैदिक ज्योतिष के अनुसार 6 मुखी रुद्राक्ष का स्वामी शुक्र है। इसी कारण 6 मुखी रुद्राक्ष धारण करने के बाद जातक को प्रेम, वैभव शक्ति, बुद्धि...

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6 मुखी रुद्राक्ष भगवान शिव के पुत्र कार्तिकेय का ही स्वरुप है। वैदिक ज्योतिष के अनुसार 6 मुखी रुद्राक्ष का स्वामी शुक्र है। इसी कारण 6 मुखी रुद्राक्ष धारण करने के बाद जातक को प्रेम, वैभव शक्ति, बुद्धि एवं ज्ञान की प्राप्ति होती है।  इस रुद्राक्ष का प्रतिनिधित्व शुक्र ग्रह करता है। शुक्र ग्रह गुप्तेन्द्रिय, वीर्य, गला, स्री सुख, काम-वासना, प्रेम, कला, संगीत आदि का कारक ग्रह है। महाशिवपुराण के अनुसार इस रुद्राक्ष के प्रभाव से ब्रह्महत्या जैसे जघन्य पापों से मुक्ति मिलती है। जिन लोगों के वैवाहिक जीवन में प्रेम की कमी है या अलगाव की स्थिति है तो उन्हें अपने वैवाहिक जीवन में स्थिरता और मधुरता लाने के लिए छः मुखी रुद्राक्ष अवश्य धारण करना चाहिए। बुद्धि की तेजी के लिए यह रुद्राक्ष सहायक होता है। अगर आपकी किसी से शत्रुता है तो इस रुद्राक्ष के प्रभाव से शत्रुओं से आपका बचाव होता है। धन प्राप्ति में यह रुद्राक्ष सहायक होता है।

विवरण

आकार एवं उत्‍पत्ति : गोलाकार नेपाली रूद्राक्ष
वजन (ग्राम) : ~1.8-3.0
माप : ~18
सर्टिफिकेशन: astrobell.com
रंग : गहरा भूरा

6 मुखी रुद्राक्ष कौन धारण कर सकता हैं?

यदि कुंडली में शुक्र कमजोर हो अथवा अस्त हो तो छः मुखी रुद्राक्ष को धारण करना लाभदायक होता है। वैदिक ज्योतिष के अनुसार 6 मुखी रुद्राक्ष का स्वामी शुक्र है। इसी कारण 6 मुखी रुद्राक्ष धारण करने के बाद जातक को प्रेम, वैभव शक्ति, बुद्धि एवं ज्ञान की प्राप्ति होती है। इसे धारण करने के बाद व्यक्ति का वैवाहिक जीवन और समस्त जीवन ऐशोआराम से व्यतीत होता है। शुक्र ग्रह का आशीर्वाद उसको वैभवशाली जीवन में सफल बनाने में मदद करता है। तुला और वृषभ राशि के जातकों के लिए यह रुद्राक्ष बहुत ही लाभकारी होता है।

6 मुखी रुद्राक्ष के लाभ

  • 6 मुखी रुद्राक्ष को धारण करने के बाद भगवान शिव के पुत्र कार्तिकेय तथा गणेश भगवान का आशीर्वाद मिलता है।
  • इसके प्रभाव से वैवाहिक जीवन में मधुरता आती है और समस्त जीवन ऐशोआराम से व्यतीत होता है।
  • छात्रों के लिए तो यह रुद्राक्ष किसी वरदान से कम नहीं है। इसके प्रभाव से बुद्धि, ज्ञान, एकाग्रता तथा स्मरणशक्ति का विकास होता है।
  • जिस जातक की कुंडली में शुक्र ग्रह बलवान नहीं है या बलवान होकर भी अपना शुभ फल नहीं दे रहे, उनको 6 मुखी रुद्राक्ष अवश्य धारण करना चाहिए।
  • इस रुद्राक्ष के प्रभाव से वाणी में मधुरता आती है, नौकरी हो या व्यवसाय धन लाभ अवश्य होता है।

6 मुखी रुद्राक्ष के नियम 

  • छः मुखी रुद्राक्ष धारण करनेवाला व्यक्ति सदाचार का पालन करनेवाला होना चाहिए।
  • छः मुखी रुद्राक्ष धारण करने वाले व्यक्ति की भगवान शिव के प्रति गहरी आस्था होनी चाहिए।
  • मांस-मदीरा या अन्य नशे की वस्तुओं से दूर रहना चाहिए।

धारण विधि

  • रविवार, सोमवार अथवा शिवरात्रि के दिन रुद्राक्ष को धारण करना शुभ होता है। रुद्राक्ष धारण करने से पूर्व गंगाजल या कच्चे दूध से शुद्ध करें। प्रातःकाल में सूर्य को ताम्बे के लोटे से जल चढ़ाएँ। छः मुखी रुद्राक्ष को जागृत करने के लिएॐ हीं नमः मंत्र का उच्‍चारण 108 बार करें।

हमसे क्यों लें

छः मुखी रुद्राक्ष को हमारे अनुभवी और विद्वान ज्योतिषाचार्यों द्वारा विधिपूर्वक अभिमंत्रित करने के बाद ही आपके पास भेजा जाएगा, ऐसा करने से आपको इस रुद्राक्ष के शुभ फल शीघ्र ही मिलते है। इस रुद्राक्ष के साथ आपको एक गारंटी सर्टिफिकेट भी दिया जाता है।

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