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नीलम रत्‍न अंगूठी–मकर और कुंभ राशि

₹3250.00

शनि ग्रह का रत्न नीलम जिसे अंग्रेजी में ब्लू सफायर कहते है बहुत ही प्रभावशाली रत्न है। ज्योतिष विज्ञान में इसे कुरुन्दम समूह का रत्न कहते है। सबसे अच्छा नीलम भारत में पाया जाता है, इसके अलावा यह अमेरि...

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शनि ग्रह का रत्न नीलम जिसे अंग्रेजी में ब्लू सफायर कहते है बहुत ही प्रभावशाली रत्न है। ज्योतिष विज्ञान में इसे कुरुन्दम समूह का रत्न कहते है। सबसे अच्छा नीलम भारत में पाया जाता है, इसके अलावा यह अमेरिका, ऑस्ट्रेलिया, अफ्रीका, म्यांमार और श्रीलंका की खानों में पाया जाता है। सब रत्नों में सबसे अधिक प्रभावशाली रत्न नीलम होता है। यह रत्‍न शनि देव के शुभ प्रभाव को बढ़ाने में हमारी मदद करता है। शनि की महादशा या अन्तर्दशा हो तब नीलम रत्न धारण करना चाहिए। 

रत्‍न: 5.25 रत्‍ती
सर्टिफिकेट: ICGTL Lab जयपुर
धातु: पंचधातु
वजन: 3.5 से 5 ग्राम
माप: फ्री साइज (Adjustable)

नीलम रत्न कौन धारण कर सकता हैं 

नीलम रत्न का अधिपति ग्रह शनि है और शनि की राशि मकर और कुंभ  है, इसलिए मकर और कुंभ राशि के लोगों के लिए नीलम रत्न धारण करना लाभदायक होता है। शनि देव की कृपा से जातक को हर कार्य में सफलता मिलती है, इसलिए अगर मकर राशि के लोग सफलता पाना चाहते हैं तो नीलम रत्न जरुर पहनना चाहिए। नीलम रत्न धारण करने के बाद मकर राशि के लोगों का भाग्योदय होता हैं तथा जीवन को सही दिशा दिखाने का कार्य यह रत्न करता है।

ज्योतिषशास्त्र में शनि के रत्न नीलम का बड़ा महत्व है।  ऐसी मान्यता है की नीलम रत्न इतना शक्तिशाली रत्न है जो गरीब को धनवान बना देता है, और अमीर को गरीब बना सकता है इसलिए असली और जांच पड़ताल के बाद ही नीलम धारण करना चहिये। नीलम जिसकी कुंडली में शनि शुभ भाव में कम बल दे रहे है ऐसे व्यक्ति को जरुर धारण करना चाहिए उसके बाद व्यक्ति के जीवन में नीलम सकारात्मक बदलाव लेकर आता है।

नीलम रत्न के अद्भुत लाभ

  • अगर व्यक्ति के मन में किसी प्रकार का भय है, तो उसे खत्म करने के लिए यह रत्न धारण किया जाता है। यह रत्न पहनने से आलस्य दूर होता है और पोजेटिव फिलिंग आती है।
  • अगर कुंडली में शनि अस्त या वक्री तथा निर्बल हो तो जातक सफलता से दूर चला जाता है अगर आपकी कुंडली में शनि की दशा अनुकूल नहीं है तो आपको नीलम अवश्य धारण करना चाहिए तभी हर क्षेत्र में आपको सफलता मिलेगी।
  • इस रत्न के प्रभाव से व्यापार में सफलता मिलती है तथा व्यक्ति बहुत जल्दी धनवान बनता है।
  • अगर आप बार बार गलत निर्णय लेते है ऐसे में जीवन को सही दिशा दिखाने का कार्य यह रत्न करता है।
  • शत्रुओं से आपका बचाव होता है तथा दुर्घटना आदि से आपका सामना नहीं होता।
  • भाग्योदय में इस रत्न की अहम भूमिका होती है, इस रत्न को धारण करने के बाद जातक पीछे मुड़कर नहीं देखता जीवन में तरक्की होती है।
  • यह रत्न धारण करने से मानसिक शांति मिलती है। मन में बुरे विचार नहीं आते। क्रोध पर नियन्त्रण रहता है।
  • राजनीति से जुड़े हुए लोगों के लिए यह रत्न धारण करना बहुत फायदेमंद होता है।

नीलम किस दिन और किस उंगली में धारण करें

शनि के रत्न नीलम को शुक्ल पक्ष के किसी भी शनिवार के दिन या ब्रह्म मुहूर्त में या शनि के नक्षत्र में सीधे हाथ की मध्यमा अंगूली में धारण करना सबसे उत्तम माना गया है। नीलम धारण करते समय शनि के मंत्र ऊँ शं शनैश्चाराय नमः का 108 बार जाप जरुर करना चाहिए।

हमसे क्‍यों लें

नीलम रत्न की अंगूठी को हमारे अनुभवी और विद्वान ज्योतिषाचार्यों द्वारा विधिपूर्वक अभिमंत्रित करने के बाद ही आपके पास भेजा जाएगा, ऐसा करने से आपको इस रत्न के शुभ फल शीघ्र ही मिलते है। इस रत्न के साथ आपको एक सर्टिफिकेट भी दिया जाएगा जो इस रत्न के ओरिजनल होने का प्रमाण है।

रत्‍न: :5.25 रत्‍ती
सर्टिफिकेट: :Govt. द्वारा प्रमाणित लैब सर्टिफिकेट
वजन: :3.5 से 5 ग्राम
माप: :फ्री साइज (Adjustable)
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