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ज्योतिषशास्त्र में शनि के रत्न नीलम का बड़ा महत्व है। ऐसी मान्यता है की नीलम रत्न इतना शक्तिशाली रत्न है जो गरीब को धनवान बना देता है, और अमीर को गरीब बना सकता है इसलिए असली और जांच पड़ताल के बाद ही नीलम धारण करना चहिये। नीलम जिसकी कुंडली में शनि शुभ भाव में कम बल दे रहे है ऐसे व्यक्ति को ज...
Gemstone: | Blue Sapphire |
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Weight in Ratti: | 0.00 |
Weight in Carat: | 0.00 |
Origin: | |
Shape: | |
Cut: | |
Sku: | Neelam Ratan |
ज्योतिषशास्त्र में शनि के रत्न नीलम का बड़ा महत्व है। ऐसी मान्यता है की नीलम रत्न इतना शक्तिशाली रत्न है जो गरीब को धनवान बना देता है, और अमीर को गरीब बना सकता है इसलिए असली और जांच पड़ताल के बाद ही नीलम धारण करना चहिये। नीलम जिसकी कुंडली में शनि शुभ भाव में कम बल दे रहे है ऐसे व्यक्ति को जरुर धारण करना चाहिए उसके बाद व्यक्ति के जीवन में नीलम सकारात्मक बदलाव लेकर आता है।
शनि ग्रह का रत्न नीलम जिसे अंग्रेजी में ब्लू सफायर कहते है बहुत ही प्रभावशाली रत्न है। ज्योतिष विज्ञान में इसे कुरुन्दम समूह का रत्न कहते है। सबसे अच्छा नीलम भारत में पाया जाता है, इसके अलावा यह अमेरिका, ऑस्ट्रेलिया, अफ्रीका, म्यांमार और श्रीलंका की खानों में पाया जाता है। सब रत्नों में सबसे अधिक प्रभावशाली रत्न नीलम होता है। यह रत्न शनि देव के शुभ प्रभाव को बढ़ाने में हमारी मदद करता है। शनि की महादशा या अन्तर्दशा हो तब नीलम रत्न धारण करना
रत्न नाम: | नीलम |
रत्न: | 5.25- 6.25 रत्ती |
सर्टिफिकेट: | ICGTL Lab जयपुर सर्टिफिकेट |
नीलम रत्न का अधिपति ग्रह शनि है और शनि की राशि मकर है, इसलिए मकर राशि के लोगों के लिए नीलम रत्न धारण करना लाभदायक होता है। शनि देव की कृपा से जातक को हर कार्य में सफलता मिलती है, इसलिए अगर मकर राशि के लोग सफलता पाना चाहते हैं तो नीलम रत्न जरुर पहनना चाहिए। नीलम रत्न धारण करने के बाद मकर राशि के लोगों का भाग्योदय होता हैं तथा जीवन को सही दिशा दिखाने का कार्य यह रत्न करता है।
प्रातःकाल सूर्योदय से पूर्व या सुबह स्नान करने के बाद नीलम अपने दाहिने हाथ की मध्यमा अंगूली में धारण करना फलदायक होता है। नीलम धारण करने से पहले अपने कुलदेवता तथा शनि देव को याद करते हुए पूरी श्रद्धा से पूजा अर्चना करके 108 बार शनि के बीज मन्त्रों का जाप करते हुए धारण करना चाहिए। नीलम अपने वजन के हिसाब से धारण करना चाहिए, सव्वा पांच रत्ति से कम नीलम नहीं पहनना चाहिए।
शनि का बीज मन्त्र – ॐ प्रां प्रीं प्रौं सः शनैश्चराय नमः।
नीलम रत्न को हमारे अनुभवी और विद्वान ज्योतिषाचार्यों द्वारा विधिपूर्वक अभिमंत्रित करने के बाद ही आपके पास भेजा जाएगा, ऐसा करने से आपको इस रत्न के शुभ फल शीघ्र ही मिलते है। इस रत्न के साथ आपको एक सर्टिफिकेट भी दिया जाएगा जो इस रत्न के ओरिजनल होने का प्रमाण है।
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