चंद्रमणि रत्न

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इस धरती पर जो भी व्यक्ति जन्म लेता हैं, वह अपने जीवन में सुख-शांति की कामना करता हैं, परन्तु ग्रहों की पीड़ा कहें या अपने कर्म कहे, व्यक्ति को किसी ना किसी रूप में सुख-शांति में दिक्कते आती हैं। आप भी अगर अपने घर परिवार की सुख-शांति, मानसिक शांति चाहते हैं तो चन्द्र का सबसे प्रिय रत्न चंद्रमणि अवश्य ...

Gemstone: ओपल रत्न
Weight in Ratti: 5.50
Weight in Carat: 5.50
Origin: India
Shape: Round
Cut:
Sku: moonstone1

इस धरती पर जो भी व्यक्ति जन्म लेता हैं, वह अपने जीवन में सुख-शांति की कामना करता हैं, परन्तु ग्रहों की पीड़ा कहें या अपने कर्म कहे, व्यक्ति को किसी ना किसी रूप में सुख-शांति में दिक्कते आती हैं। आप भी अगर अपने घर परिवार की सुख-शांति, मानसिक शांति चाहते हैं तो चन्द्र का सबसे प्रिय रत्न चंद्रमणि अवश्य धारण करें। चंद्रमणि चंद्रमा का दमकता हुआ रत्न है, यह रत्न हर किसी को पसंद आता है। अगर आपके परिवार में आये दिन किसी न किसी प्रकार की परेशनियों से आपको जूझना पड रहा हो या किसी प्रकार की दिक्कते आ रही हो तो आप चंद्रमणि रत्न को जरुर धारण करे इसके प्रभाव से परिवार में खुशियों का आगमन होता है। कामकाज में भी अच्छा लाभ होता हैं, सबसे बड़ी बात मन शांत और स्थिर रहता हैं, गलत भावनाएं मन में उत्पन्न नहीं होती।

चंद्रमणि रत्न की गुलाबी आभा न सिर्फ आकर्षण प्रदान करती है बल्कि जीवन की कई गंभीर समस्याओं को दूर करने का काम करती है। इस रत्न को अंग्रेजी में पर्ल के नाम से लोग जानते है। चंद्रमणि एक ऐसा रत्न है जो जीवन के किसी भी क्षेत्र में कोई भी बाधा हो उसे दूर करता है। चंद्रमणि आपकी हर इच्छा पूर्ति करने की क्षमता रखता है। चंद्रमणि समुद्र के अंदर स्थित घोंघे नामक कीट में पायें जाते है।

रत्‍न नाम: चंद्रमणि
रत्‍न: 5.25- 6.25 रत्‍ती
सर्टिफिकेट: ICGTL Lab जयपुर सर्टिफिकेट

चंद्रमणि क्यों पहने?

मनुष्‍य के जीवन पर सबसे ज्‍यादा प्रभाव चंद्रमा का ही होता है। प्राचीन समय से ही वैदिक ज्‍योतिष में चंद्रमा को बहुत महत्‍वपूर्ण ग्रह माना गया है। यही कारण है कि चंद्र राशि के अनुसार ही हमारा नामकरण किया जाता है। इस रत्न की सबसे बड़ी खासियत हैं कि चंद्रमणि रत्न धारण करना कर्क राशि के जातकों के लिए बहुत ही लाभकारी माना जाता है। इसके अलावा इस रत्‍न को कोई भी व्‍यक्‍ति धारण कर सकता है। किसी भी राशि का व्‍यक्ति धारण कर सकता है। इसे धारण करने के बाद कोई बाधा नहीं आती, मन शांत रहता हैं, क्रोध नहीं आता तथा मन-मस्तिष्‍क मजबूत रहता हैं। चंद्रमणि चन्द्रमा का रत्न है और चंद्रमा मनुष्य के मन का कारक है इसलिए इसका पूरा प्रभाव मनुष्य की सोच पर पड़ता है। मन को स्थिरता प्रदान करने में चंद्रमणि रत्न अहम भूमिका निभाता है। इस रत्न को धारण करने के बाद मनोबल बढ़ता है, आत्मविश्वास में वृद्धि होती है। चंद्रमा का रत्‍न चंद्रमणि भी सभी रत्‍नों में श्रेष्‍ठ होता है। जीवन में आ रही किसी भी परेशानियों से छुटकारा पाने के लिए यह सहायक होता हैं। इसके प्रभाव से बिगड़ा भाग्य संवर जाता है। चंद्रमणि आपकी हर इच्छा पूर्ति करने की क्षमता रखता है। चंद्रमणि चंद्रमा का दमकता हुआ रत्न है, यह रत्न हर किसी को पसंद आता है। इसके प्रभाव से बिगड़ा भाग्य संवर जाता है।

चंद्रमणि रत्न के लाभ

    • मन में करियर को लेकर व्यथा या चिताएं उत्पन्न हो रही है, मन बेचैन हो रहा है तो ऐसी स्थिति में चंद्रमणि रत्न अवश्य धारण करना चाहिए लाभ होगा, मन स्थिर रहेगा।
    • अगर जीवन में किसी भी प्रकार का निर्णय लेने की स्थिति में असमंजस्य की स्थिति बनती है तो चंद्रमणि रत्न अवश्य धारण करे इसके प्रभाव से निर्णय लेने की क्षमता में वृद्धि होती है।
    • अगर छोटी-छोटी बात पर क्रोध आता हो, मन में चंचलता रहती है और स्वभाव में बौखलाहट तो ऐसी स्थिति से छुटकारा पाने के लिए और मन शांत रखने के लिए चंद्रमणि धारण करना लाभकारी होता है।
    • जो जातक मानसिक तनाव से जूझ रहें है उन्हें चंद्रमणि रत्न अवश्य धारण करना चाहिए। इस रत्न को धारण करने के बाद मन में किसी चीज का लालच उत्पन्न नहीं होता, व्यक्ति सत्य की राह पर चलने लगता है। जातक गलत संगति से दूर रहता है।
    • भरपूर प्रयास करने के बाद भी अगर प्रोफेशनल करियर में सफलता हासिल नहीं हो पा रही है, तो ऐसी स्थिति में चंद्रमणि रत्न अवश्य धारण करना चाहिए।
    • अपनी ही माता के साथ सम्बन्ध खराब है तो चंद्रमणि रत्न धारण करना चाहिए, इसके प्रभाव से माता के साथ मधुर सम्बन्ध स्थापित होते है।
    • जो लोग व्यापार/व्यवसाय में त्‍वरित निर्णय न ले पाने के कारण व्‍यापार में घाटा उठाते हैं वो भी इस रत्‍न को पहन सकते हैं, इसके प्रभाव से मस्तिष्क तेज होता हैं, निर्णय क्षमता में वृद्धि होती हैं।
    • धारण विधि 

      चंद्रमा का रत्न चंद्रमणि  सोमवार दे दिन सबसे पहले गंगाजल से शुद्ध करके धूप-दीप दिखाकर भगवान शिव के मंत्र “ॐ नमः”, “ॐ नमः शिवाय का 108 बार जाप करते हुए पूर्व या उत्तर दिशा की ओर मुख करके पूरी श्रध्दा के साथ अपने सीधे हाथ की सबसे छोटी अंगूली में  या लॉकेट में धारण करना चाहिए। चंद्रमा की ऊर्जा को संतुलित करने के लिए चंद्रमणि अवश्य धारण करना चाहिए। चंद्रमणि धारण करने से पहले अपने कुलदेवता तथा चन्द्र देव को याद करते हुए 108 बार चन्द्र के बीज मन्त्रों का जाप करते हुए धारण करना चाहिए। चंद्रमणि अपने वजन के हिसाब से धारण करना चाहिए, सव्वा पांच रत्ति से कम चंद्रमणि नहीं पहनना चाहिए।

    चन्द्र का बीज मन्त्र – ऊँ श्रां श्रीं श्रौं स: चन्द्रमसे नम:

  • हमसे क्यों लें:

    चंद्रमणि रत्न को हमारे अनुभवी और विद्वान ज्योतिषाचार्यों द्वारा विधिपूर्वक अभिमंत्रित करने के बाद ही आपके पास भेजा जाएगा, ऐसा करने से आपको इस रत्न के शुभ फल शीघ्र ही मिलते है। इस रत्न के साथ आपको एक सर्टिफिकेट भी दिया जाएगा जो इस रत्न के ओरिजनल होने का प्रमाण है।

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