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बृहस्पति का रत्न पुखराज जीवन में समृद्धि और खुशहाली लेकर आता है। राजनीति से जुड़े लोग, सरकारी सेवा में कार्यरत तथा कोर्ट-कचेहरी से सम्बन्ध रखने वाले लोगों के लिए यह रत्न बहुत शुभ फल देने वाला होता है। बृहस्पति देव धनु राशि के अधिपति ग्रह हैं, बृहस्पति इस राशि का प्रतिनिधित्व करते है, इ...
Gemstone: | yellow sapphire-hindi |
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Weight in Ratti: | 0.00 |
Weight in Carat: | 0.00 |
Origin: | |
Shape: | |
Cut: | |
Sku: | pukhraaj ratan |
बृहस्पति का रत्न पुखराज जीवन में समृद्धि और खुशहाली लेकर आता है। राजनीति से जुड़े लोग, सरकारी सेवा में कार्यरत तथा कोर्ट-कचेहरी से सम्बन्ध रखने वाले लोगों के लिए यह रत्न बहुत शुभ फल देने वाला होता है। बृहस्पति देव धनु राशि के अधिपति ग्रह हैं, बृहस्पति इस राशि का प्रतिनिधित्व करते है, इसलिए धनु राशि के लोगों को पुखराज रत्न अवश्य धारण करना चाहिए। इसके प्रभाव से सोचने-समझने की शक्ति में वृद्धि होती है। वैदिक ज्योतिष में पुखराज का बड़ा ही महत्व है। बृहस्पति यानि की गुरु की कृपा पाने के लिए ही पुखराज धारण किया जाता है। ज्ञान और बुद्धि का प्रतिनिधित्व करने का कार्य पुखराज करता है। पीला पुखराज एक बेहद खूबसूरत रत्न है।
जिन लोगों की कुंडली में बृहस्पति शुभ होकर भी अपनी शुभता नहीं दे पाते तथा बलहीन हो जाते है, उनके लिए पुखराज धारण करना लाभदायक होता है दूसरे शब्दों में हम कह सकते हैं कि जिन लोगों की कुंडली में बृहस्पति अच्छे होने के बाद भी अपना प्रभाव नहीं दे रहे है, उनके लिए पुखराज धारण करना लाभदायक होता है। बृहस्पति की महादशा तथा अन्तर्दशा में भी पुखराज धारण करने से लाभ होता है। यह रत्न जीवन में समृद्धि और खुशहाली लेकर आता है। यह रत्न बहुत शुभ फल देने वाला होता है। भाग्य वृद्धि के साथ साथ यह रत्न धार्मिक आस्था में वृद्धि करने का कार्य भी करता है। पुखराज का प्रभाव शरीर और मन पर पड़ता है, जिसके कारण जातक अपने लक्ष्यों को प्राप्त करने के योग्य बनता है और उस दिशा में वो मेहनत भी करता है।
रत्न नाम: | पुखराज |
रत्न: | 5.25- 6.25 रत्ती |
सर्टिफिकेट: | ICGTL Lab जयपुर सर्टिफिकेट |
बृहस्पति देव धनु राशि के अधिपति ग्रह हैं, बृहस्पति इस राशि का प्रतिनिधित्व करते है, इसलिए धनु राशि के लोगों को पुखराज रत्न अवश्य धारण करना चाहिए। इसके प्रभाव से सोचने-समझने की शक्ति में वृद्धि होती है।
जिन लोगों की कुंडली में बृहस्पति कमजोर है, उनके लिए पुखराज धारण करना लाभदायक होता है। बृहस्पति की महादशा तथा अन्तर्दशा में भी पुखराज धारण करने से लाभ होता है। यह रत्न जीवन में समृद्धि और खुशहाली लेकर आता है। राजनीति से जुड़े लोग, सरकारी सेवा में कार्यरत तथा कोर्ट-कचेहरी से सम्बन्ध रखने वाले लोगों के लिए यह रत्न बहुत शुभ फल देने वाला होता है।
पुखराज रत्न धारण विधि
पुखराज गुरूवार के दिन प्रातःकाल सूर्योदय से पूर्व या सुबह स्नान करने के बाद धारण करना चाहिए। पुखराज रत्न धारण करने से पहले अपने कुलदेवता तथा गुरु देव को याद करते हुए पूरी श्रद्धा से पूजा अर्चना करके 108 बार गुरु के बीज मन्त्रों का जाप करते हुए दाहिने हाथ की तर्जनी अंगूली में धारण करना लाभदायक होता है। पुखराज अपने वजन के हिसाब से धारण करना चाहिए, सव्वा पांच रत्ति से कम पुखराज नहीं पहनना चाहिए।
गुरु का बीज मन्त्र– “ऊं गुं गुरुवाये नम:”
हमसे क्यों लें
पुखराज रत्न को हमारे अनुभवी और विद्वान ज्योतिषाचार्यों द्वारा विधिपूर्वक अभिमंत्रित करने के बाद ही आपके पास भेजा जाएगा, ऐसा करने से आपको इस रत्न के शुभ फल शीघ्र ही मिलते है। इस रत्न के साथ आपको एक सर्टिफिकेट भी दिया जाएगा जो इस रत्न के ओरिजनल होने का प्रमाण है।
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